क्या होता है?

क्या होता है

जब घबराता है मनुष्य

जब टूटते हैं सपने,आशाएँ सभी

क्या होता है

जब अकेले पड़ जाते हो तुम,

बिल्कुल अकेले,

क्या होता है

जब दर्द देने लगता है दुख और सुख भी

तब ये होता है

कि तुम भविष्य से डरते हो

तब ये होता है

कि तुम रो नहीं पाते

होता है ये

कि तुम सो भी नहीं पाते

होता है ये

कि एकटक निग़ाहें गड़ा कर सोचते हो बहूत देर तक तुम कुछ,

तब ये होता है

कि सोचते-सोचते खोते हो तुम भविष्य

भविष्य आने के बहुत पहले।

-अनगढ़

Published by काव्य व्यक्त

Student

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started